फिल्म : जॉली एलएल.बी २
श्रेणी : सटायर कोर्टरूम ड्रामा
निर्देशक : सुभाष कपूर
कास्ट : अक्षय कुमार, हुमा कुरैशी, सौरभ शुक्ला, अन्नू कपूर, सयानी गुप्ता
स्टार : 3/5
निर्माता : फोक्स स्टार स्टूडियो
संगीत : मुंज मुसिक, मीत ब्रदर्स, चिरंतन भट्ट
बात करते हैं कहानी की तो लखनऊ के रहने वाले जगदीश्वर मिश्रा उर्फ जॉली (अक्षय कुमार) पेशे से वकील है। उसकी ख्वाहिश है कि कोर्ट में उसका खुद का चैम्बर हो। वह पत्नी पुष्पा पांडे (हुमा कुरैशी) और बेटे के साथ खुशहाली से जिंदगी बिताता है। हंसी-खुशी भरी उसकी जिंदगी में हिना सिद्दीकी (सयानी गुप्ता) की एंट्री होती है, जिसके पति का एनकाउंटर पुलिस करती है। इस लिए हिना उसे सीनियर वकील सिद्दकी को लड़ने की सिफारिश करने को कहती हैं, पर सिद्दीकी उन्हें मना करते हैं, पर जॉली को अपने चैम्बर के लिए पैसे चाहिए थे तो वह हिना से झूट बोल पैसे ऐठ लेता है, जब हिना को यह पता चलता हैं, तो वह आत्महत्या कर लेती और फिर वकील बन जॉली ये फर्जी एनकाउंटर का केस लड़ने को तैयार होता है। कानून के खिलाफ क्या वह सच साबित करने में कामयाब होगा? क्या वह हिना को इंसाफ दिला पाएगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अब बात करते हैं निर्देशन की फंस गए रे ओबाना (2010), जॉली एलएल.बी (2013) जैसी बेहतरीन फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके सुभाष कपूर इस बार सोशल मुद्दे को मजाकिया ढंग से पर्दे पर पेश कर रहे हैं कमाल का डायरेक्शन था सुभाष कपूर की तारीफ करनी होगी। उन्होंने लखनऊ और बनारस की रियल लोकेशन्स में फिल्म की शूटिंग की है। फिल्म में कॉमेडी और गंभीर मुद्दों को सटीक, कहने में कोई हर्ज नहीं की दोनों का तालमेल में कोई कोताही नहीं की है। फिल्म की खासियत इसके डायलॉग्स हैं।
अब बात करते अभिनय की अभिनय में बेहतरीन प्रदर्शन किया जज सुंदरलाल त्रिपाठी सौरभ शुक्ला ने अन्नू कपूर ने साथ ही अक्षय कुमार ने इनकी तारीफ करनी होगी अक्षय कुमार ने लखनवी लहजे को फिल्म में बेहद शानदार तरीके से पेश किया। अपनी कॉमेडी और गंभीरता से अक्षय आपको इम्प्रेस कर देंगे। हुमा कुरैशी सयानी गुप्ता सभी स्टार्स ठीक ठाक अभिनय किया हैं।
संगीत की तो इतना कर्ण प्रिय नहीं हैं, पर फिल्म के चारों गाने कहानी के साथ चल रहे है, कही रुकावट नहीं कर रहे हैं ।
देखें या नहीं?
जॉली एलएल.बी २ एक बार देखने में कोई हर्ज नहीं हैं खास कर आखिरी सीन में सौरभ शुक्ला जी का संवाद आपको जंजोड़ देगा ।
पुष्कर ओझा